उत्तराखण्ड के गढ़वाल में स्थित लैंसडाउन प्राकृतिक छटा बिखेरती एक खूबसूरत जगह है। यहां जाने के लिए किसी खास प्लानिंग करने या लंबी छुटटी लेने की ज़रूरत नहीं है। वीकेंड पर भी प्लान बना सकते हैं। पहाड़ों से घिरे इस छोटे और मनोहारी हिल स्टेशन की ऊँचाई समुद्र तल से 1706 मीटर है। इस शहर को बसाने का श्रेय जाता है अंग्रेजों को। लैंसडाउन भारत के स्वतंत्रता सेनानियों का एक अहम केंद्र भी है। यहां के ऊंचे और हरे-भरे पहाड़, नदियां, झीलें, झरने आपका मन प्रफुल्लित कर देगा।
कब जाएं लैंसडाउन?
वैसे तो लैंसडाउन का मौसम साल भर सुहावना रहता है, लेकिन लैंसडाउन जाने के लिए सबसे बेस्ट टाइम है मार्च से नवंबर के बीच। उस वक्त न तो गर्मी होती है और न ही ज़्यादा ठंड। इस दौरान यहां का मौसम काफी खुशनुमा रहता है। बर्फबारी का लुत्फ उठाना चाहते हैं तो दिसंबर से फरवरी के बीच जा सकते हैं। इन महीनों में लैंसडाउन का तापमान शून्य तक चला जाता है।
लैंसडाउन में यहां जरूर जाएं
वीकएंड पर अगर आप लैंसडाउन जा रहे हैं, तो छोटे से लैंसडाउन को घूमने के लिए काफी कुछ है। जैसे-
भुल्ला ताल: भुल्ला ताल एक छोटी सी झील है। मन करे, तो इसमें बोटिंग कर लें या इसके किनारे पार्क में बैठकर हंसते-खेलते पर्यटकों की खुशी में शामिल हो जाएं।
टिप एन टॉप: टिप एन टॉप से से दूर-दूर तक पर्वतों और उनके बीच छोटे-छोटे कई गांवों को निहार सकते हैं। इनके पीछे से उगते सूरज का नजारा अलौकिक लगता है। अगर मौसम साफ हुआ, तो बर्फ से ढके पहाड़ों की लंबी श्रृंखला नजर आ सकती है। वैसे अक्टूबर-नवंबर और मार्च-अप्रैल में मौसम साफ रहने की संभावना ज्यादा रहती है। अगर आप बर्फ से ढकी पहाड़ियों के रोमांचक दृश्यों को देखना चाहते हैं तो लैंसडाउन के टिप एन टॉप और स्नो व्यू प्वाइंट जरूर आएं। आप यहां से चौखम्बा और त्रिशूल की बर्फ से ढकी पर्वत श्रृंखलाओ को आसानी से देख सकते हैं। यह व्यू प्वाइंट यहां आने वाले सैलानियों के बीच काफी लोकप्रिय है। यह प्वाइंट सेंट मेरी चर्च के पास एक बड़े चट्टानी स्थल पर है। यहां का सूर्यादय और सूर्यास्त देखने लायक होता है। आप यहां पिकनिक और ट्रेकिंग के लिए भी यात्रा का प्लान बना सकते हैं।
चर्च और वॉर मेमोरियल: गढ़वाल राइफल्स की वीरगाथा की झलक पाने के लिए शाम 5 बजे से पहले वॉर मेमोरियल देख सकते हैं। इसके बिल्कुल पास में है परेड ग्राउंड, जिसे आम पर्यटक बाहर से ही देख सकते हैं। यहां स्थित सेंट मेरी चर्च 1895 के दौरान बनाई गई एक प्राचीन अद्भुत सरंचना है।
संतोषी माता मंदिर: शाम को सनसेट का खूबसूरत नजारा देखने के लिए संतोषी माता के मंदिर जाएं, जो शायद लैंसडाउन की सबसे ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है। लैंसडाउन में घूमने का दोगुना लुत्फ उठाना चाहें तो ज्यादा से ज्यादा पैदल घूमें।
भैरवगढ़ी और ताड़केश्वर मंदिर: लैंसडाउन से कुछ किलोमीटर की दूरी पर भैरवगढ़ी या ताड़केश्वर मंदिर तक ट्रेकिंग कर सकते हैं। दोनों जगहों तक गाड़ी से भी जा सकते हैं, लेकिन चीड़, देवदार, बुरांश और बांज के घने जंगलों से ट्रेकिंग करते हुए यहां तक पहुंचने का अलग ही रोमांच है।
एडवेंचर टूरिज्म के लिए बेहतरीन जगह:
भारत में इस तरह के हिल स्टेशन बहुत कम हैं। यहां ट्रेकिंग, बाइकिंग, साइकलिंग जैसे एडवेंचर सुरक्षित तरीके से कर सकते हैं। कोरोना वायरस की वजह से राज्य सरकार ने उत्तराखंड की तमाम पर्यटन गतिविधियों पर रोक लगा दी थी। लेकिन अब एडवेंचर पर्यटन शुरू करने की इजाजत दे दी गई है। पर्यटक कोविड-19 से सुरक्षा संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए वॉटर स्पोर्ट्स, ट्रेकिंग, एयरोस्पोर्ट्स और कैम्पिंग जैसी साहसिक गतिविधियों में हिस्सा ले सकते हैं। अगर सुकून के साथ-साथ रोमांच की तलाश में हैं तो लैंसडाउन जरूर जाएं।